Transistor
तीन सेमी- कंडक्टर
को जोड़ कर बनाये जाने वाला डिवाइस ट्रांर्जिस्टर कहलाता है ट्रांजिस्टर
सेमी-कंडक्टर पदार्थ सिलिकॉन जर्मियम का बना होता है
एक प्रकार से ट्रांजिस्टर
एक डबल डायोड होता है एक N टाइप क्रिस्टल एक P टाइप के क्रिस्टल को जोड़ कर एक P-N जंक्शनका निर्माण करते है
डायोड इसी P-N जंक्शन का उदाहरण है क्योकि ट्रांजिस्टर में
दो P-N जंक्शन होता
है इसलिए यह कहा जा सकता है की ट्रांजिस्टर एक प्रकार से डबल डायोड होता है
Transistor
दो
टाइप के होते है
1. PNP transistor
2. NPN transistor
PNP
transistor
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यह दो P टाइप और एक N टाइप के क्रिस्टल
से मिलकर बना होता है N टाइप के दोनो ओर P टाइप
के क्रिस्टल को जोड़ देते है क्रिस्टल के इस प्रकार जूड़ने पर दो जंक्शन
निर्मित होते है
एक P-N जंक्शन और एक N-P जंक्शन
आपस में मिला दिया जाता है तो खंडो में से 3 खंड ( PNP) रह जाते है इस प्रकार के निर्मित ट्रांजिस्टर को PNP ट्रांजिस्टर कहते है
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दोनेा P टाइप खंडो में छोटा P एमीटर emitter एवं
बडा P कलेक्टर collector और N बेस base कहलाता है
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इसमें
करंट का फ्लो एमीटरसे बेस के बीच में होता है
NPN
transistor
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यह दो N टाइप और एक P टाइप के क्रिस्टल
से मिलकर बना होता
है P टाइप के दोनेां और N टाइप के क्रिस्टलको जोड़ देते है क्रिस्टल के
इस प्रकार जुडने पर दो जंक्शन निर्मित
होते है
एक N-P जंक्शन और एक P-N जंक्शन आपस में मिलादिया जाता है तो खंडो में से 3 खंड ( NPN ) रह जातेहै इस प्रकार के निर्मित ट्रांजिस्टर को
NPN ट्रांजिस्टर कहते है
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इसमें
करंट का फ्लो बेस से एमीटर के बीच में होता है
Transistor का मोबाइल PCB मे यूज
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ट्रांजिस्टर
का मुख्य रुप से उपयोग सिग्नल की शक्ति को बढाने के लिए किया जाता है अर्थात AMPLIFICATION के लिए किया जाता है
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Switching इलेक्ट्रॉनिक
सर्किट में करंट को on/off करने वाला डिवाइस इलेक्ट्रांनिक स्विच कहलाता
है इलेक्टॉनिक स्विच की on/off
करने के गति मैकेनिकल स्विच से अधिक होती है
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Voltage regulation -
वोल्टेज रेगुलेटरका मतलब
इनपुट वोल्टेज के लोड होने पर या बदलती है हुई परिशिति के बाद भी एक सामान वोल्टेज
देना और हाई वोल्टेज का सिग्नल के साथ ( CPU EN Signal ) लो कन्वर्शन
करने के लिए यूज किया जाता है
Transistor में तीन टर्मिनल होते है
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Collector
- common collector configuration
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Base
– common base configuration ya ground base circuit
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Emitter
- common emitter configuration
ट्रांजिस्टरमें 3
इलेक्ट्रोंन होते है ट्रांजिस्टर में दिया जाने वाला इनपुट इन्हीं दो इलेक्ट्रोंडके
बीच में दिया जाता हे
अैर आउटपुट भी इनी
दो इलक्ट्रोड के बीच में लिया जाता हे क्युकी 3 इलेक्ट्रोड होते है तो दिउया
जाने वाला इनपुट लिया जाने वाला आउटपुट तो मेन इलेक्ट्रोड कॉमन होगा
मोबाइल फोन में यूज
किया जाने वाला ट्रांजिस्टर
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यह आकर
मे काफी छोटे होते है
Multimeter
se testing
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ट्रांजिस्टर
को चेक करने के लिए इसमें लगे दोनों डायोड को चेक किया जाता है जिसमें एक E और B के बीच और दूसरा B और C के बीच लगा होता हे
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डायोड /
बजर रेंज पर रखगे
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रेड
प्रोबको E पर रखगे एवं ब्लैक प्रोब को B पर रखंगें
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अगर
रीडिंग मिलती है तो ट्रांजिस्टर PNP ट्रांजिस्टर है
अगर
रीडिंग नहीं मिलती है तो NPN
ट्राजिस्टर है
दोने ओर रीडिंग नहीं
मिलने पर ट्रांजिस्टर खराब माना जाता है
बीप आने पर शोर्ट माना जाता है
- रेड प्रोब को E( P ) पर रखगे एवं ब्लैक प्रोब को B( N ) पर रखेगें अगर रीडिंग मिलती है और रीवर्स चेक करने
पर रीडिंग नहीं मिलती तो ट्रांजिस्टर PNP ट्रांजिस्टर है